यादों के समुंदर मे जब भी तुफान आता है, याद आता है मुझे वो गुजरा ज़माना ,
वो बारिश की बूंदे और वो मिटटी की सोंधी सुगंध ,
वो त्योहारों का मौसम और गली -मोहल्ले में हंगामा,
वो बाज़ार की हलचल और वो जब तब सरकारी छुट्टी,
वो चंदा इकठ्ठा करना और फिर मोहल्ले का वो रावण,
यादो के समुंदर में जब भी तूफान आता है , याद आता है मुझे वो गुजरा ज़माना,
वो होली की रंगत और रंग लगाने का एक खूबसूरत बहाना,
वो हर पल के फैशन की चिंता और पड़ोसन के कपड़ो पर नज़र,
वो रिक्शा वाले से एक रूपये की झिक - झिक और हर बार वही बह्स ...
दोस्तों का किसी भी वक़्त आ जाना और डिनर करके ही जाना ...
यादो के समुंदर में जब भी तूफान आता है, याद आता है मुझे वो गुज़रा ज़माना ...
Great start, maya! Keep it up :-)
ReplyDeleteThanks Giri...need your support
Deletecool maasi ! .. keep the ante up :)
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